बहुत कुछ कह गया गोवा का अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह

 

- प्रदीप सरदाना

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 

गोवा में 52वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह का शानदार समापन हो गया। इस 9 दिवसीय हाईब्रिड समारोह को वैश्विक महामारी के बावजूद जैसी सफलता मिलीवह निश्चित ही प्रशंसनीय है। इसकी भव्यतादेश-विदेश के हजारों फिल्मकारों की उपस्थिति और सिनेप्रेमियों की उत्सुकता देखते ही बनती थी। साथ ही समारोह में मुंबई से पहुंचे माधुरी दीक्षित, रणधीर कपूर, सलमान खान, रितेश देशमुख, जेनेलिया,रणवीर सिंह,श्रद्धा कपूर,कार्तिक आर्यन,मोनी रॉय और मनोज वाजपेयी जैसे कई सितारों की चमक से भी समारोह रोशन रहा।

करीब 40 बरसों से इस समारोह को करीब से देखते हुए मैंने अनुभव किया कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर इस आयोजन को सफल व सार्थक बनाने के लिए जिस तरह सक्रिय रहेआमतौर से वैसा जुड़ाव पहले किसी और मंत्री का नहीं दिखा। अनुराग ठाकुर स्वयं गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत,सूचना प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्र और फिल्म समारोह निदेशालय के निदेशक चैतन्य प्रसाद के साथ मिलकर समारोह की छोटी-बड़ी सभी बातों पर अपनी गहरी नज़र रखे हुए थे।

समारोह में प्रदर्शित 300  से अधिक फिल्मों में अच्छी फिल्मों की भरमार थी। निर्माता ताकाशी शिओत्स्की और निर्देशक मसाकाजू की जापानी फिल्म ‘रिंग वांडरिंग’ को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का स्वर्ण मयूर और 40 लाख रुपये का पुरस्कार मिला। 

सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का रजत मयूर और 10 लाख रुपये का पुरस्कार भारत के जितेंद्र जोशी को मराठी फिल्म ‘गोदावरी’ के लिए मिलातो स्पेन की एंजेला मोलिना को फिल्म ‘शेर्लोट’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का.सर्वश्रेष्ठ निर्देशन के लिए रजत मयूर और 15 लाख रुपये का पुरस्कार चेक फिल्म ‘सेविंग वन हू वाज डैड’ के लिए वाक्लाव कद्रंका को प्रदान किया गया। ब्राजील की फिल्म ‘द फर्स्ट फालन’ के लिए अभिनेता रेनाटा कार्वाल्हो को जूरी के विशेष पुरस्कार से नवाजा गया। 

समारोह के पहले दिन दिग्गज अभिनेत्री हेमा मालिनी को और समारोह के अंतिम दिन गीतकार प्रसून जोशी को भी ‘इंडियन फिल्म पर्सनेलिटी ऑफ द ईयर’ के रजत मयूर और 10 लाख रुपये के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। नाम से उलट यह पुरस्कार किसी को उसके एक वर्ष के कार्य के लिए नहींबल्कि जीवनभर की उपलब्धियों के लिए दिया जाता हैजैसे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के समय प्रति वर्ष देश का सर्वोच्च फिल्म सम्मान दादा साहब फाल्के सम्मान दिया जाता है। 

दोनों पुरस्कारों की राशि समान हैलेकिन फाल्के में स्वर्ण कमल मिलता हैतो इसमें रजत मयूर. इस अंतर को देखते हुए मैं इसे दूसरा सर्वोच्च फिल्म सम्मान कहत रहा हूँ. यूं ‘पर्सनेलिटी ऑफ द ईयर’ की जगह इस पुरस्कार का नाम लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड ही होना चाहिए। 

गोवा के फिल्म समारोह के शुरुआती दौर में जब यह दिलीप कुमार और लता मंगेशकर जैसी हस्तियों को दिया गयातो उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट के नाम से ही मिला। ‘इंडियन फिल्म पर्सनेलिटी ऑफ द ईयर’ नाम से पुरस्कार देने की शुरुआत भारतीय सिनेमा के 100 वर्ष होने पर  2013 में हुई थी। अब तक प्रति वर्ष यह एक फिल्मी हस्ती को दिया जाता थालेकिन इस वर्ष यह दो लोगों को दिया गया। 

लगभग 58 बरसों से फिल्मों में सक्रिय और लोकप्रिय 73 वर्षीया अभिनेत्री हेमा मालिनी को यह सम्मान मिलना स्वागत योग्य है। करीब 150 फिल्में कर चुकीं हेमा मालिनी को फिल्मफेयर के लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री सहित और भी बहुत से सम्मान मिल चुके हैं। उनके खाते में ‘सपनों का सौदागर’, ‘एक थी रानी ऐसी भी’, ‘शोले’ और ‘सीता और गीता’ जैसी कई यादगार फिल्में हैं।जॉनी मेरा नाम’, ‘लाल पत्थर’, ‘अंदाज', ‘धर्मात्मा', ‘प्रतिज्ञा’, ‘संन्यासी’, ‘खुशबू', ‘क्रांति’, ‘सत्ते पे सत्ता’, ‘लेकिन’ और ‘बागबान’ जैसी कितनी ही फिल्में उनके खूबसूरत अभिनय की बानगी पेश करती हैं। 

प्रसून जोशी की बात करेंतो वे निसंदेह एक बेजोड़ गीतकार हैं। पुरस्कार लेते हुए प्रस्तुत उनकी कविता एक आसमान कम होता है’ भी खूबसूरत थी। प्रसून को सर्वश्रेष्ठ गीतकार के लिए दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और तीन बार फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिल चुके हैं। करीब 20 साल के फिल्म करियर में प्रसून जोशी ने ‘हम तुम’, ‘ब्लैक’, ‘रंग दे बसंती’, ‘तारे जमीन पर’, ‘दिल्ली-6’, ‘भाग मिल्खा भाग', ‘नीरजा’ और ‘मणिकर्णिका’ जैसी फिल्मों से अपनी विशिष्ट पहचान बनायी है। 

सबके बावजूद प्रसून को यह राष्ट्रीय सम्मान मिलना कुछ प्रश्न भी खड़े करता है। क्योंकि एक तो वह स्वयं इस फिल्म समारोह की एक जूरी में भी थेदूसरा यह पुरस्कार पहली बार एक साथ दो लोगों को दिया गया। फिर अब तक यह बड़ा राष्ट्रीय फिल्म सम्मान जिन व्यक्तियों को भी मिला हैवे सभी 40-50 वर्ष या उससे भी अधिक समय से फिल्मों में अपना योगदान देते आ रहे हैं।  साल 2013 से 2020 तक इस फिल्म समारोह में इस सम्मान से सम्मानित लोगों में वहीदा रहमानरजनीकांतअमिताभ बच्चनइलाय राजाएसपी बालासुब्रहमणियमसलीम खान और विश्वजीत जैसे नाम हैंजिन्हें उनकी जीवनभर की उपलब्धियों के लिए यह सम्मान मिला. इसलिए इस श्रेणी में यह पुरस्कार ऐसे ही दिग्गजों को मिले तो ज्यादा बेहतर है जिन्होंने फिल्मों में अपने योगदान से जीवन खपा दिया।

हालांकि हमारे इस फिल्म समारोह से यह संदेश तो दुनिया भर को मिल गया कि स्थितियाँ कितनी भी विपरित्त क्यों न हों, यदि दूर दृष्टि, अच्छी नीतियों और अथक परिश्रम से कोई कार्य किया जाये तो उसे सफलता मिलती ही है।

(प्रसिद्ध समाचार पत्र ‘स्वदेश’ में 16 दिसंबर 2021 को सभी संस्करणों में प्रकाशित मेरा लेख)     

- प्रदीप सरदाना

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