लता मंगेशकर के लिए आज भी धड़कता है इंदौर का दिल
लता मंगेशकर के 93वें जन्मदिन पर विशेष
प्रदीप सरदाना
वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक
स्वर कोकिला भारत रत्न लता
मंगेशकर चाहे अपनी जन्म स्थली इंदौर को कुछ भूल सा गयी हों। लेकिन इंदौर वाले लता
मंगेशकर के लिए आज भी पूरी तरह समर्पित हैं। इंदौर का दिल आज भी लता मंगेशकर के
लिए ज़ोर शोर से धड़कता है।
लता मंगेशकर का जन्म 28
सितंबर 1929 को इंदौर में हुआ था। यह अत्यंत खुशी की बात है कि आज वही लता मंगेशकर
92 बरस की पूरी हो 93 बरस में प्रवेश कर रही हैं। हालांकि अपने बचपन में ही लता मंगेशकर महाराष्ट्र में आ गयी
थीं। जहां मुंबई की माया नगरी में अपने गीतों से फिल्म संगीत को जिस तरह उन्होंने
मालामाल किया वह किसी से छिपा नहीं है। लगभग सन 1945 से शुरू हुई इनकी संगीत
यात्रा सन 2004 तक नित नए शिखर छूती रही।
यूं 2006 में भी फिल्म ‘रंग दे बसंती’ और ‘जय संतोषी मां’ में इनके गीत थे। फिर 2007 में प्रदर्शित ‘चैन खुली
की मैन खुली’ और ‘स्ट्रेंजर्स’ के बाद 2010 और 2011 में भी प्रदर्शित 3 फिल्मों- ‘दुनिया
न जाने’ ‘जेल’ और
‘सतरंगी पैराशूट’ में भी लता मंगेशकर के
गीत आए। उनकी बाद की न ये फिल्में चलीं और न इनके गीत। लेकिन लता जी ने अपने करियर
में जितने यादगार, शानदार गीत दिये हैं। वैसे गीत कोई और
पार्श्व गायिका नहीं दे सकी है। इसलिए लता मंगेशकर को हम देश की सबसे महान गायिका
मानते हैं।
इसीलिए फिल्म और फिल्म संगीत से बरसों से दूर रहने पर भी लता मंगेशकर के जन्म दिन को लोग बहुत अच्छे से मनाते हैं। क्योंकि लता मंगेशकर जैसी गायिका हमारे बीच हैं यह हम सभी का सौभाग्य है।
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी लता मंगेशकर के जन्म दिन पर हर बरस फोन करके बधाई देते हैं। साथ ही अमिताभ बच्चन और सचिन तेंदुलकर जैसे सितारे भी। लेकिन जो एक बात और बहुत अच्छी लगती है वह यह कि इंदौर में लता मंगेशकर का जन्म दिन हर साल जितने उत्साह से मनता है शायद उतना और कहीं नहीं मनता होगा।
इंदौर लता मंगेशकर का जन्म दिन तो धूम धाम से मनाता ही है। साथ ही इंदौर ने लता मंगेशकर के गीत संगीत को जिस सलीके से सँजोया है वह तो बेमिसाल है। इंदौर देश का ही नहीं विश्व का ऐसा शहर है जहां लता मंगेशकर के गाये सभी गीत एक संग्रहालय में एकत्र हैं। इस संग्रहालय का नाम है ‘लता दीनानाथ मंगेशकर गामोफोन रेकॉर्ड संग्रहालय। इंदौर में लता जन्म दिवस समारोह आयोजित करने की बात हो या इस संग्रहालय की स्थापना करने की इस बड़े काम के पीछे जो व्यक्ति बरसों से तन, मन, धन से जुटे हैं उनका नाम है सुमन चौरसिया।
सुमन चौरसिया से अपने
बरसों के अथक प्रयास से सन 2007 में इस लता संग्रहालय की स्थापना की थी। जहां लता
मंगेशकर के गाये सभी गीतों के रिकॉर्ड तो उपलब्ध हैं हीं। साथ ही कई अन्य
गायक-गायिकाओं के भी बहुत से ऐसे रिकॉर्ड हैं जिनमें से कई तो अन्य कई उपलब्ध नहीं
हैं। कुल मिलाकार उनके इस संग्राहलाय में 40 हज़ार रिकार्ड्स हैं। बिना किसी सरकारी
या गैर सरकारी सहायता के, अकेले अपने दम पर इतने रिकॉर्ड्स
का संग्रह करना कितना मुश्किल रहा होगा इस बात की कल्पना भी सहज नहीं।
सुमन चौरसिया |
मेरी जब जब सुमन जी से बात होती है वह हमेशा निस्वार्थ भावना के अपने इस संग्रहालय के प्रति समर्पित रहते हैं। हालांकि लता मंगेशकर कॉ इंदौर आए एक ज़माना बीत गया। जब सुमन चौरसिया ने विजय गावड़े के साथ मिलकर ‘लता दीनानाथ मंगेशकर ग्रामोफोन रेकार्ड संग्रहालय’ संस्था की स्थापना की थी तब भी लता इंदौर नहीं आई थीं। हाँ अपना एक वीडियो संदेश और पत्र जरूर सुमन चौरसिया को भिजवाया था। लेकिन सुमन जी इस बात की चिंता किए बिना कि लता मंगेशकर इंदौर नहीं आती हैं, उनके समारोह में नहीं पधारती हैं, इंदौर में लता जी की यादों को खूबसूरती से सँजोये हुए हैं।
सुमन चौरसिया के इस संग्रहालय
में मुंबई के ही नहीं देश भर से कितने ही गीतकार, संगीतकार
और गायकों के साथ अनेक संगीत प्रेमी यहाँ आते रहते हैं। इतना ही नहीं सुमन चौरसिया ने लता मंगेशकर तथा
कुछ अन्य फिल्म हस्तियों पर कुछ पुस्तकों का प्रकाशन भी किया है। उनकी इन पुस्तकों
में ‘लता समग्र’ पुस्तक तो काफी अहम
है। इस पुस्तक में लता मंगेशकर के सभी भाषाओं में गाये सभी फिल्म और गैर फिल्मी
गीतों का सम्पूर्ण विवरण है। इस पुस्तक में गीतों का संचयन जहां सुमन चौरसिया ने
स्वयं किया है। वहाँ इस पुस्तक का सम्पादन मुंबई के प्रसिद्द संगीत विशेषज्ञ गुलाम
कुरैशी ने किया है। जबकि इसके सह संपादक इंदौर के ही संगीत प्रेमी संजय मंडलोई
हैं।
इस पुस्तक के अलावा सुमन चौरसिया कुछ और पुस्तकों का प्रकाशन भी कर चुके हैं। इनमें एक पुस्तक ‘’हिन्दी चित्रपट गीत संगीत 1981 से 1990 भी है। इन दस वर्षों के इस गीत कोश का सम्पादन जगदीश पुरोहित और गुलाम कुरैशी ने किया है।
ग़ुलाम कुरैशी |
इधर लता मंगेशकर के 93 वें जन्म दिवस समारोह में भी सुमन चौरसिया अपने इस प्रकाशन से एक और पुस्तक प्रस्तुत करने जा रहे हैं। ‘अनजाने गायक, अनसुने गीत’ नाम की इस पुस्तक की मीमांसा जाने माने लेखक अजातशत्रु ने की है। अजातशत्रु की पहले भी कुछ और पुस्तकें सुमन चौरसिया के इस संस्थान के सहयोग से प्रकाशित हो चुकी हैं।
उधर लता मंगेशकर के 93 वें
जन्म दिन पर सुमन जी जो समारोह आयोजित कर रहे हैं वह 28 सितंबर शाम 7 बजे, इंदौर प्रेस क्लब के राजेन्द्र माथुर सभागार में आयोजित होगा। इस समारोह
के मुख्य अतिथि इंदौर से लोकसभा सांसद शंकर लालवानी और देवास सांसद महेन्द्र्सिंह
सोलंकी हैं। जबकि विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता हैं। कार्यक्रम की
अध्यक्षता कवि पंडित सत्यनारायन सत्तन करेंगे। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप
में मुंबई से शेमारू के मीडिया रिसर्च प्रमुख गुलाम कुरैशी भी इंदौर पहुँच चुके हैं।
इस कार्यक्रम में ‘अंजाने गायक अनसुने गीत’ पुस्तक का लोकार्पण तो होगा ही। साथ ही लता मंगेशकर के गीतों की संध्या भी होगी। लता के गीतों को गायन सपना केकरे करेंगी। युगल गीतों में उनके साथ रवीन्द्र साठे भी होंगे। इस गीतमाला में लता मंगेशकर के अलग अलग दौर में गाये लोकप्रिय गीतों को प्रमुखता दी जाएगी।
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