देश में 130 करोड़ की आबादी में आज 13 बड़े जादूगर भी नहीं हैं

 

प्रदीप सरदाना

वरिष्ठ पत्रकार एवं समीक्षक 

जादू कला सदियों से मनोरंजन के साथ सभी को आकर्षित भी करती रही है। आधुनिक काल में मनोरंजन के अनेक साधन होने के बावजूद जादूई सम्मोहन जैसे तैसे चलते रहे हैं। यह जादू का करिश्मा ही है कि मूक युग से अक्षय कुमार की हालिया फिल्म अतरंगी रे तक सौ से अधिक फिल्मों के नायक भी जादूगर रहे हैं। लेकिन अब इस पर कोरोना काल का साया ऐसा पड़ा है कि जादू ही 'गिली-गिली छू' के कगार पर है। आज किस हाल में है यह जादुई दुनिया और क्या हैं एक बड़े जादूगर के सपने, संकट और कष्ट, इस सबको लेकर हाल ही में देश के विख्यात जादूगर सम्राट शंकर से बातचीत की प्रदीप सरदाना ने। प्रस्तुत है मुख्य अंश: 

आप देश विदेश में पिछले 45 बरसों से अपने जादू के भव्य प्रदर्शन करते रहे हैं। लेकिन अब कोरोना के चलते जादुई कला हाशिये पर आ गयी है। अब मौजूदा हालात को आप कैसे देखते हैं ?

हालात निश्चय ही बेहद चिंताजनक हैं। मैं पहले एक साल में छोटे-बड़े कुल मिलाकर 800 शो करता रहा हूँ। लेकिन पिछले दो साल से हमारा एक भी शो नहीं हुआ। मुश्किल दौर हमने पहले भी देखा लेकिन इतना मुश्किल कभी नहीं देखा। कोरोना की मार सिनेमा पर भी पड़ी। लेकिन बहुत सी फिल्में ओटीटी या टीवी पर आ गईं। इससे उनको ज्यादा नुकसान नहीं हुआ और अब तो थिएटर खुलने से फिल्मों की गाड़ी फिर से पटरी पर लौटने लगी है। लेकिन हमारे लिए अभी स्थितियाँ सहज नहीं हैं। हमारे जादू के भव्य प्रदर्शन के लिए हमारे ग्रुप में 30 से अधिक कलाकार और काफी साज ओ सामान होता है। इतनी बड़ी टीम, यातायात, थिएटर और शो के प्रचार के भारी भरकम खर्चों के कारण अभी तक हम शो शुरू करने में असमर्थ हैं।

जादू और जादूगर पर हमारे यहाँ फिल्म गीतों और फिल्मों की कमी नहीं है। पहले जादूनाथ,जादू टोना,जादुई महल,जादुई टोपी जैसी कई फिल्में बनीं तो बाद में भी अमिताभ बच्चन की जादूगर’, ऋतिक रोशन की गुजारिश’, आमिर खान की धूम-3 और अब अतरंगी रे जैसी फिल्में आपकी जादुई दुनिया पर बनती हैं तो आपको कैसा लगता है ?

खुशी होती है कि फ़िल्मकार भी जादूगर के महत्व और जादुई खेलों की दर्शकों में दिलचस्पी समझते हैं। बड़े नायक-महानायक भी जादूगर बनकर सिल्वर स्क्रीन पर आ रहे हैं। इससे जादूई खेल को कुछ लोकप्रियता तो मिलती है। लेकिन जादू देखने का असली मज़ा तभी आता है जब आप अपनी आँखों से अपने ठीक सामने असल में देखें।

कोरोना काल में घर बैठे हुए आपने क्या कोई नई जादुई ट्रिक्स भी बनाईं हैं ?

हम अपने शो में समय समय पर कुछ नए जादू डालते ही रहे हैं।लेकिन कोरोना काल में समय मिला तो हमने कई नए आइटम तैयार किए हैं। जिनमें से कुछ तो मैंने कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कुछ न्यूज़ चैनल्स पर भी दिखाये। लेकिन अब कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए मैंने देश के कुछ हिस्सों में व्यक्तिगत रूप से जाकर अपने निशुल्क मिनी मैजिक शो के माध्यम से आमजन को जागरूक करने का निर्णय लिया है।  

आपके इस अभियान में क्या कोरोना से जुड़े कुछ जादुई आइटम हैं ?

जी मैंने इसके लिए कुछ खास जादू बनाए हैं। जिनमें मैं एक छोटे से कागज के टुकड़े से अपने हथेली से मास्क, साबुन और सेनेटाइजर निकालकर दिखाऊँगा। मेरी दर्शकों से अपील रहेगी कि मैं जादू से हाथी गायब कर सकता हूँ, कार गायब कर सकता हूँ। लेकिन कोरोना गायब नहीं कर सकता। कोरोना अभी गया नहीं है,यह तभी दूर होगा जब हम मास्क पहनेंगे,अपने हाथ साबुन-सेनेटाइज़ार से साफ करते रहेंगे और वैक्सीन की दोनों डोज़ लगवाएंगे।

जादू की प्राचीन कला चलती रहे इसके लिए आप क्या प्रयास कर रहे हैं और सरकार से भी कुछ अपेक्षाएँ रखते हैं ?

जब कई बड़े जादूगरों ने अपने मेगा शो बंद कर दिये, मैं अपनी 70 की उम्र में भी अपने शो पुराने उत्साह के साथ जारी रखे हुए हूँ। कोरोना के बाद फिर हमारा जादुई काफिला देश के विभिन्न शहरों के लिए निकल पड़ेगा। सरकार से मेरी यही गुजारिश है कि जैसे देश में संगीत,नृत्य,नाटक और ललित कला आदि पर अकादमी हैं, कुछ उसी तर्ज पर जादू कला अकादमी भी बने। इससे यह  प्राचीन कला लुप्त नहीं होगी, लोगों में इसके प्रति रुचि बढ़ेगी। मुझे आश्चर्य होता है कि देश की 130 करोड़ की जनसंख्या में आज 13 बड़े जादूगर नहीं हैं।   

आप इतनी मुश्किलों में भी जादू कला को लेकर लगातार समर्पित हैं। उसका क्या कोई विशेष कारण है ?

जादू मेरी साधना,मेरा प्रेम,मेरा जुनून है। जब अपने जादू दिखाते हुए दर्शकों के चेहरे पर अद्धभुत खुशी देखता हूँ तो स्वयं को धन्य समझता हूँ। अपने दो घंटे के शो में, मैं रहस्य, रोमांच और मनोरंजन के साथ, जादू के प्रति लोगों के अंधविश्वास को दूर करते हुए साफ कहता हूँ कि जादू सिर्फ एक कला है,हाथ की सफाई है।वहाँ अपने शो में,मैं जल बचाओ,बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ से लेकर पर्यावरण,शिक्षा और परिवार नियोजन जैसे कई मुद्दों के महत्व का संदेश भी देता हूँ। उधर अपने चैरिटी शो के माध्यम से मैं अपार राशि विभिन्न आपदाओं और पीएम-सीएम राहत कोश के लिए जुटाता रहा हूँ। मुझे खुशी है कि मेरे जादुई खेलों को रामनाथ कोविन्द, नरेंद्र मोदी, अटल बिहारी वाजपेयी, भैरोंसिंह शेखावतअमित शाहराजनाथ सिंहजेपी नड़ड़ाज्ञानी जैल सिंह जैसी कई दिग्गज हस्तियों के साथ धर्मेंद्र,हेमा मलिनीमनोज कुमारजूही चावलाअनिल कपूर और कटरीना कैफ तक कितने ही सितारे भी देख चुके हैं।

(सुप्रसिद्ध दैनिक नवभारत टाइम्स में 1 जनवरी 2022 के दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, गुरुग्राम, नोएडा, गाज़ियाबाद, फ़रीदाबाद सहित सभी संस्करण में प्रकाशित)       

-प्रदीप सरदाना 

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