नयी फिल्म - प्रेम में मिलने,बदलने और बिछुड़ने की कथा ‘चित्रकूट’

प्रदीप सरदाना  

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 

न्यूयॉर्क, विएना और इटली में आयोजित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में अपने प्रदर्शन के दौरान अच्छी चर्चा बटोर चुकी फिल्म चित्रकूट अब 20 मई को भारत में प्रदर्शित होने जा रही है। इस फिल्म की एक खास बात यह है  ईरान के दिग्गज फ़िल्मकार माजिद मजीदी ने तो इस फिल्म की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए, इसे नए निर्देशक की शानदार फिल्म बताया है। माजिद ईरान के ऐसे पहले फ़िल्मकार हैं, जिन्हें अपनी चिल्ड्रेन ऑफ हैवन’, द कलर ऑफ पेराडाइज़ और बियोंड द क्लाउडस जैसी फिल्मों के कारण अंतरराष्ट्रीय स्टार पर ख्याति मिली।

फिल्म चित्रकूट की बात करें तो इसका निर्माण, निर्देशन और लेखन हिमांशु मलिक ने किया है। हिमांशु की यह निर्माता-निर्देशक के रूप में चाहे पहली फिल्म है। लेकिन फिल्मों से उनका अभिनेता के रूप में नाता करीब 25 बरस पुराना है। हिमांशु को सर्वाधिक लोकप्रियता सन 2001 में प्रदर्शित फिल्म तुम बिन से मिली थी। इस खूबसूरत फिल्म में नायिका संदली सिन्हा के साथ तीन नायक थे-प्रियान्शु चटर्जी, हिमांशु मलिक और राकेश बापट। 

इसके अलावा जंगली, ख्वाइश, एलओसी कारगिल, रक्त, रोग  और यमला पगला दीवाना जैसी कुछ और फिल्मों में भी हिमांशु अभिनय कर चुके हैं। अब वही हिमांशु मलिक फिल्म चित्रकूट से एक फ़िल्मकार के रूप में पदार्पण कर रहे हैं।

फिल्म के नाम चित्रकूट से लगता है कि यह कोई धार्मिक-आध्यात्मिक फिल्म होगी। क्योंकि चित्रकूट का नाम आते ही भगवान राम का नाम स्मरण हो जाता है। अपने 14 बरस के बनवास के दौरान भगवान राम ने सीता जी और लक्ष्मण के साथ करीब 12 बरस चित्रकूट में ही गुजारे थे। हालांकि इस फिल्म का नाम चित्रकूट अवश्य है लेकिन भगवान राम, रामायण और चित्रकूट से इस फिल्म का कोई सीधा संबंध नहीं है।

फिर फिल्म का नाम चित्रकूट क्यों? यह पूछने पर हिमांशु बताते हैं-‘’यह माना जाता है कि राम और सीता के जीवन में चित्रकूट ही ऐसा स्थान था जहां वह अपने प्रेम की आदर्श स्थिति में थे। सिर्फ तभी तक जब तक वे वहाँ थे। उनके जीवन में श्रंगार रस यहीं देखने को मिलता है। मेरी फिल्म भी प्रेम कहानी है जो दर्शाती है कि प्यार जीवन में कुछ पलों के लिए ही मिलता है।‘’

फिल्म की कहानी 5 ऐसे युवाओं की है जो प्यार की तलाश में हैं। जिनमें जहां तीन युवतियाँ अलिशा,सलोनी और किम हैं। वहाँ दो युवक हैं-देबू, और शान। जब देबू अलिशा से मिलता है तो उन दोनों की प्रेम कहानी शुरू होती है। लेकिन वह यह नहीं जानता कि अलिशा के लिए यह प्रेम सिर्फ उसके पुराने प्यार को भुलाने का तरीका है।

उधर शान और सलोनी अपने रिश्ते के साथ संघर्ष करते हैं। शान इस रिश्ते को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। पर सलोनी इस रिश्ते को लेकर हार मानने को तैयार नहीं है।

इन चार चरित्रों के साथ एक चरित्र किम का है जो एक होम बेकर है। वह प्यार करने वाले जोड़ों से नियमित बात करती है। उनकी शादी के लिए वह केक बनाती है। इन जोड़ों के प्रेम के माध्यम से उसे भी प्रेम की अनुभूति होती है। फिल्म का एक पक्ष यह है कि प्यार में पड़ने पर इनकी ज़िंदगी में काफी बदलाव आ जाता है।

आप अपनी इस फिल्म से क्या संदेश देना चाहते हैं ? यह पूछने पर हिमांशु बताते हैं- ‘’बड़ा संदेश यही है कि प्यार कभी रुकता नहीं है। चाहे प्रेमी बिछुड़ जाएँ, चाहे उनके जीवन में कितने ही बदलाव आ जाएं।

फिल्म की शूटिंग मुंबई,पूणे,गोवा के साथ गुजरात में भी की गयी ही। फिल्म के प्रोमो से पता लगता है कि जहां इस फिल्म में अंतरंग प्रेम दृश्यों को काफी दिखाया है। वहाँ शूटिंग लोकेशन मनोहर हैं।

औरिता घोष, विभोर नायक, नैना त्रिवेदी, किरण श्रीनिवास और श्रुति बापना फिल्म के मुख्य कलाकार हैं। फिल्म के हिसाब से सभी नए हैं। लेकिन टीवी आदि पर ये पहले भी काम कर चुके हैं। अकबर अराबियान, मेहदी गुलज़ार, आदित्य कृष्णा के नाम भी फिल्म के निर्माताओं के रूप में शामिल हैं। फिल्म का छायांकन हरदीप सचदेव ने किया है तो संगीत सोमेश साहा का है। फिल्म का एक आकर्षण फिल्म के लिए गाया गायक अरिजित का विशेष गीत भी है। हालांकि यह देखना दिलचस्प रहेगा कि फिल्म चित्रकूट पर दर्शक अपना कितना प्रेम बरसाते हैं।   

(प्रसिद्ध समाचार पत्र ‘स्वदेश’ में 15 मई 2022 को सभी संस्करणों में प्रकाशित मेरा लेख)     

- प्रदीप सरदाना

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