आज़ादी की गौरव गाथा का स्वर्णिम इतिहास –‘स्वराज’

 

10 भाषाओं मेँ दूरदर्शन के साथ आकाशवाणी पर भी होगा प्रसारित  

- प्रदीप सरदाना  

 वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक  

आज़ादी के अमृत महोत्सव के पावन पर्व पर दूरदर्शन एक ऐसे भव्य धारावाहिक का प्रसारण करने जा रहा है जो देश प्रेम और आज़ादी की गौरव गाथा के इतिहास समेटे हुए है। यह एक ऐसा धारावाहिक है जिसे सभी देश वासियों को देखना चाहिए। जिससे हम सभी जान सकें कि आज हम आज़ादी के जिस वातावरण में खुलकर सांस ले रहे हैं। हम जिस स्वराज की बात करते हैं। वहाँ तक पहुँचने के लिए कितना लंबा रास्ता तय करना पड़ा।  

इस धारावाहिक का नाम है-स्वराज। जिसका प्रसारण 14 अगस्त से हर रविवार रात 9 से 10 बजे के बीच दूरदर्शन के डीडी नेशनल पर होगा। धारावाहिक के एक-एक घंटे के 75 एपिसोड होंगे। बड़ी बात यह भी है कि स्वराज को हिन्दी के साथ 10 अन्य भाषाओं मेँ भी डब करके दिखाया जाएगा। जिससे अहिंदी भाषी लोग भी अपने देश के स्वर्णिम इतिहास को अच्छे से देख सकें, समझ सकें। अँग्रेजी के अतिरिक्त जिन 9 क्षेत्रीय भाषाओं मेँ इसका प्रसारण होगा वे हैं-गुजराती,मराठी,बंगाली,उड़िया,असमिया,तमिल,तेलुगू,कन्नड और मलयालम। इन क्षेत्रीय भाषाओं वाले एपिसोड का प्रसारण 20 अगस्त से हर शनिवार रात 8 बजे क्षेत्रीय चैनल्स पर होगा।

यह धारावाहिक दूर दूर तक,अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे इसके लिए स्वराज का प्रसारण आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों द्वारा भी किया जाएगा। ऑल इंडिया रेडियो के महानिदेशक एन वी रेड्डी बताते हैं-स्वराज के विभिन्न भाषाओं के संस्करण दिखाने के लिए आकाशवाणी ने विशेष प्रबंध किए हैं। इसके हिन्दी संस्करण का प्रसारण 20 अगस्त से जबकि अन्य भाषाओं के संस्करण का प्रसारण 27 अगस्त से हर शनिवार सुबह 11 से 12 बजे के दौरान विभिन्न केन्द्रों से होगा।‘’

देखा जाये तो स्वराज लीक से हटकर एक ऐसा मेगा सीरियल है जो कभी कभार ही बनते हैं। जिसकी कथा सन 1498 से तब से शुरू होती है जब वास्को डी गामा ने भारत की धरती पर कदम रखा था। जबकि धारावाहिक का अंत अगस्त 1947 मेँ तब होता है जब भारात आज़ाद हुआ था। जिससे स्वराज के इन 75 एपिसोड मे भारत के 449 वर्ष का इतिहास सँजोने का प्रयास किया गया है।

यूं तो सीरियल के 75 एपिसोड के हर एक एपिसोड मेँ मुख्यतः एक स्वाधीनता सेनानी की गाथा होगी। लेकिन उसी कहानी मेँ कुछ अन्य स्वतन्त्रता सेनानियों की कहानी जोड़कर उस दौर की कुछ ऐसी घटनाओं को भी दिखाया जाएगा जिससे इतिहास के पन्ने एक-एक करके खुलते चले जाएँ।

इस ऐतिहासिक धारावाहिक मेँ भव्यता-गुणवत्ता के साथ तथ्य सही रहें इसके लिए गहन शोध किया गया है। इसके लिए जहां इसका निर्माण 4 के –एच डी तकनीक मेँ हो रहा है। वहाँ इसकी सलाहकार समिति मेँ हीरामन तिवारी, जवाहर लाल कौल, प्रफुल्ल केलकर, कुलदीप रत्नू और आशुतोष भटनागर जैसे अहम व्यक्तियों को लिया गया है।

इस धारावाहिक को लेकर जब हमने दूरदर्शन के महानिदेशक और प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मयंक अग्रवाल से बात की तो उन्होंने बताया-‘’ स्वराज दूरदर्शन का एक ऐसा अनुपम धारावाहिक है, जिसे देख स्वतन्त्रता का इतिहास जीवंत हो उठेगा। फिर धारावाहिक मेँ जिन स्वतन्त्रता सेनानियों की समग्र गाथा दिखाई जाएगी उनमें महाराज शिवाजी, शहीद भगत सिंह, रानी लक्ष्मी बाई और मंगल पांडे जैसे प्रसिद्द व्यक्तियों की कहानी के साथ उन भूले बिसरे नायकों और वीरांगनाओं की कहानियाँ भी होंगी, जिनका योगदान पहले ज्यादा सामने नहीं आ पाया। सही मायने मेँ हमारा फोकस स्वतन्त्रता के ऐसे योद्धाओं पर रहेगा।‘’

देश के ऐसे भूले बिसरे नायक-नायिकाओं मेँ रानी अबक्का,रानी गाइदिनल्यू,तिरोत सिंह,बक्शी जगबंधु,शिवप्पा नायक,सिद्धो कान्हो मुर्मु,कान्हो जी आंग्रे और तिलका मांझी के नाम हैं। तो चिमाजी अप्पा, सरदार अजित सिंह,राजा दायराम,कुँवर सिंह-अमर सिंह,मास्टर सूर्यसेन और ठाकुर महावीर सिंह के भी।

साथ ही ऐसे अधिकतर उन सेनानियों की गाथा भी स्वराज मेँ मिलेगी ही जिनका नाम और योगदान पहले भी बरसों से याद किया जाता रहा है। जैसे सुभाष चंद्र बॉस, लोकमान्य तिलक, गणेश-विनायक सावरकर, रामप्रसाद बिस्मिल,उधम सिंह, राजगुरु, सुखदेव, मदन लाल ढींगरा, भाई परमानंद, लाला लाजपत राय, लाला हर दयाल, खान अब्दुल गफ्फार खान,खुदी राम बोस , बिरसा मुंडा, बेगम हजरत महल,नाना साहब पेशवा, तात्या टोपे, भीकाजी कामा और बटुकेश्वर दत्त। साथ ही और भी कई जाने-अंजाने नाम इस स्वराज गाथा मेँ शामिल हैं।

सीरियल का एक अहम पहलू यह भी है कि हम अक्सर देश मेँ अंग्रेजों के अन्याय और अत्याचार को ही अधिक याद करते हैं। लेकिन इनके साथ फ्रांसीसी, डच और पुर्तगाली उपनिवेशवादियों ने भी भारत मेँ जो अत्याचार किए उनकी बहुत सी बातें भी इस धारावाहिक मेँ दिखाई जाएंगी। ये सभी लोग भारत मेँ घुसकर किस तरह सोने की चिड़िया कहे जाने वाले देश को लूटने के साथ ज़ोर-जुर्म भी करते रहे, वह सब इस सीरियल मेँ देख आँखों मेँ आँसू आ जाएंगे। उनका बलिदान हमारे तन और मन दोनों को झकझोर कर रख देगा।

स्वराज का निर्माण दूरदर्शन की देख रेख मेँ कॉन्टिलो पिक्चर्स ने किया है। करीब 20 बरसों से सीरियल निर्माण मेँ सक्रिय यह प्रॉडक्शन हाउस इससे  पहले भी वीर शिवाजी,झाँसी की रानी,चक्रवर्ती अशोक सम्राट,भारत के वीर पुत्र महाराणा प्रताप,शेर-ए-पंजाब-महाराजा रणजीत सिंह और तेनालीरामा जैसे ऐतिहासिक धारावाहिकों के साथ और भी कई प्रकार के धारावाहिकों का निर्माण कर चुका है।

स्वराज को लेकर सूचना प्रसारण मंत्रालय के साथ दूरदर्शन भी काफी उत्साह मेँ हैं। यही कारण है कि इसके रानी अकप्पा पर बने एक एपिसोड की स्पेशल स्क्रीनिंग भी 5 अगस्त को आकाशवाणी भवन दिल्ली के ऑडिटोरियम मेँ रखी गयी। जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, सूचना प्रसारण राज्यमंत्री डॉ एल मुरूगन, सूचना प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा, प्रसारभारती के सचिव मयंक अग्रवाल और आकाशवाणी के महानिदेशक एनवी रेड्डी तो उपस्थित थे ही। साथ ही लगभग 30 संसद सदस्यों ने भी स्वराज की इस कड़ी को देखा।

अमित शाह ने इस मौके पर कहा –“हम जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व मेँ आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, वहाँ इस प्रकार के कार्यक्रम से उन अनेक लोगों को भी याद कर रहे हैं, जिन्होंने आज़ादी दिलाने मेँ अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। पूरे 75 सप्ताह तक चलने वाले स्वराज के प्रसारण का उदेश्य जनमानस के अंदर हीन भावना को समूल उखाड़ फेंक, गौरव का भाव लाना है।‘’

उधर अनुराग ठाकुर ने इस अवसर पर कहा-‘’ हम भारत वासियों से बढ़कर स्वराज की कीमत कौन जनता है। आज़ादी के इस अमृत महोत्सव पर दूरदर्शन-आकाशवाणी ने स्वतन्त्रता सेनानियों के अदम्य साहस की गाथाओं को पुनः जीवंत करने और इन गुमनाम सेनानियों से युवा पीढ़ी को परिचित कराने का अत्यंत सराहनीय कार्य किया है।‘’

बता दें स्वराज को अभिनेता मनोज जोशी प्रस्तुत करेंगे। उधर धारावाहिक की भव्यता भी देखते ही बनती है। इसके विभिन्न आकर्षक सेट्स तो हमको बरसों पीछे उसी काल खंड का बोध कराते हैं जिस दौर की ये कहानियाँ हैं।

(प्रसिद्ध समाचार पत्र ‘स्वदेश’ में 7 अगस्त 2022 को सभी संस्करणों में प्रकाशित मेरा लेख)   

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